आजादी का अमृत महोत्सव भारत की आज़ादी के 75 साल का उत्सव है जो 2022 में शुरू हुआ था. इस पहल का उद्देश्य स्वतंत्रता संघर्ष और भारत के जनजातीय समुदाय के अधिकारों को याद करना है. साथ ही स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से देश की उपलब्धियों और प्रगति पर प्रकाश डालना है.

जनजातीय सशक्तीकरण आज़ादी का अमृत महोत्सव का एक अनिवार्य पहलू है, क्योंकि यह भारत में जनजातीय समुदायों के योगदान और अधिकारों को मान्यता देता है. माननीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 9 विषयों के तहत जनजातीय सशक्तीकरण; आदिवासी समुदाय की संस्कृति के संरक्षण, समावेशी विकास, आजीविका के अवसर, शिक्षा और स्वास्थ्य. जागरूकता और संवेदीकरण बढ़ाने पर जोर देता है.

इस पहल के बारे में

स्वदेशी जनजातियों की विरासत और उनकी प्राचीन परंपराओं, समृद्ध संस्कृति, इतिहास और विकास का पर्याय है. जनजातीय विकास भारत की जनजातीय विरासत के लचीलेपन, प्रगति और समग्र विकास का उत्सव मनाता है.

संस्कृति मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव एक पहल के तहत, सभी पाठकों को भारत की गौरवशाली जनजातीय विरासत और भारतीय संस्कृति को अपनाने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करती है.

मैं अपने राष्ट्र की जनजातीय विरासत की रक्षा और संवर्धन में योगदान देने की प्रतिज्ञा करता हूं.

#JanjatiyaVikasHumaraPrayas

    आप कैसे योगदान दे सकते हैं?

    · जनजातीय उत्पाद खरीदें: ट्राइब्स इंडिया 
    · जनजातीय पर्यटन के माध्यम से जनजातीय विरासत को जानें
    · आदिवासी शिक्षा में योगदान दें
    · स्वास्थ्य देखभाल के लिए दान करें

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