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Hariyali Teej 2023: आने वाली है हरियाली तीज, ऐसे तैयार करें पूजा की थाली, नोट करें सामग्री लिस्ट
Hariyali Teej 2023: सुहागिनों के लिए हरियाली तीज का दिन बहुत ही खास और महत्वपूर्ण होता है. इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से व्रत करती हैं और मां गौरी का विधि-विधान से पूजन करती हैं.
Hariyali Teej 2023: सावन का महीना व्रत व त्योहारों के लिए खास होता है. इस महीने वाले प्रत्येक त्योहार महत्वपूर्ण होते हैं और इनमें सबसे खास होता है हरियाली तीज का पर्व. जो कि केवल सुहागिन महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि कुंवारी कन्याओं के लिए भी खास है. हरियाली तीज का पर्व अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. कहीं इस दिन सुहागिन महिलाएं ससुराल से मायके जाती हैं, मस्ती करती हैं और झूला झूलती हैं. वहीं कुछ जगहों पर हरियाली तीज के दिन व्रत रखने की परंपरा है और कहते हैं कि इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से मां गौरी का व्रत रखती हैं. कुंवारी कन्याएं भी इस दिन अच्छे वर की कामना से मां गौरी का पूजन करती हैं. हरियाली तीज का पर्व हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है. जो कि इस साल 19 अगस्त 2023, शनिवार के दिन है. अगर आप इस दिन व्रत रख रही हैं तो विधि-विधान से माता गौरी का पूजन करें और पूजा की थाली तैयार करें. आइए जानते हैं हरियाली तीज के दिन पूजा की थाली में कौनसी वस्तुएं जरूर होनी चाहिए.
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हरियाली तीज पूजन सामग्री
हरियाली तीज की पूजा के लिए थाली तैयार करते समय पूजन सामग्री में चौकी, पीला वस्त्र, केला के पत्ते, कच्चा सूत, नए वस्त्र, बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, जनेऊ, सुपारी, कलश, अक्षत्, दूर्वा, तेल, घी, कपूर, अबीर, गुलाल श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, चीनी, शहद, पंचामृत, देवी पार्वती को अर्पण करने के लिए एक हरी साड़ी और सोलह श्रृंगार, सुहाग के सामान में सिंदूर, बिंदी, चूडियां, महौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, इत्र आदि जरूर होना चाहिए.
हरियाली तीज पूजन विधि
- हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ ही भगवान गणेश जी का भी पूजन किया जाता है. पूजन के लिए काली मिट्टी से इनकी मूर्तियां तैयार करें. यदि यह संभव न हो तो बाजार से मूर्तियां खरीद सकते हैं.
- इसके बाद एक चौकी लें और उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इन मूर्तियों को स्थापित करें. इसके बाद मूर्तियों को नए वस्त्र पहनाएं और बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, जनेऊ, सुपारी, कलश, अक्षत्, दूर्वा, तेल, घी, कपूर, अबीर, गुलाल श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, चीनी, शहद, पंचामृत अर्पित करें.
- फिर मां पार्वती को एक हरे रंग साड़ी और सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें. ध्यान रखें कि 16 श्रृंगार के साथ ही इसमें सुहाग का सामान जैसे कि सिंदूर, बिंदी, चूडियां, महौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, इत्र आदि भी होना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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